बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के ग्राम बिरनपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद, जनता ने अपने आक्रोश को साकारात्मक रूप में व्यक्त करते हुए BJP को चुनावी टिकट देने पर कांग्रेस के मंत्री पर भारी आरोप लगाए हैं। इस घटना के संदर्भ में, सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए 24 वर्षीय युवा भुवनेश्वर के पिता ईश्वर साहू ने चुनाव में जीत हासिल की है, जिससे नई राजनीतिक मुद्रा बनी है।
ईश्वर साहू और रविंद्र चौबे के बीच हुआ चुनाव: ईश्वर साहू ने बीते छह अप्रैल को हुई सांप्रदायिक हिंसा में अपने बेटे को खो दिया था और उन्होंने चुनाव में अपनी जीत के बाद यहां की जनता से न्याय की मांग की थी। उनकी बिना राजनीतिक परिचय के, और गरीबी के हालात में BJP ने उन्हें टिकट देने का निर्णय लिया था। इसके परिणामस्वरूप, चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई, जिससे यह भीड़ को एक नई राजनीतिक मुद्रा देने का संकेत है।
रविंद्र चौबे का पुनरागमन: विधायक रविंद्र चौबे, जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, उन्होंने इस चुनाव में ईश्वर साहू के सामने हार का सामना किया है। चौबे ने सात बार से ज्यादा विधायक रहकर राजनीति में बड़ा पुनरागमन किया है, लेकिन इस बार उनका मुकाबला ईश्वर साहू के साथ हुआ। इस चुनाव में जनता ने भाजपा को अपना भरोसा जताया है, जिससे चौबे को मात प्राप्त हुई है।
जनता का संवेदनशीलता का प्रदर्शन: इस घटना ने जनता के अंदर भ्रष्टाचार और सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ आक्रोश को उत्तेजित किया है, जिससे वे इस चुनाव में अपनी राय व्यक्त करने के लिए सड़कों पर उतरे हैं। ईश्वर साहू की जीत ने इस घड़ी में जनता के संवेदनशीलता का प्रदर्शन किया है, जिसे राजनीतिक परिणामों के माध्यम से अभिव्यक्त किया जा रहा है।