छात्रों ने वैज्ञानिक खेती के विभिन्न तरीकों और मृदा प्रबंधन पर सीखी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
दुर्ग। कृषि विज्ञान केन्द्र, पाहंदा (अ) दुर्ग में डी.ए.वी. स्कूल भिलाई के कक्षा 11वीं एवं 12वीं के बच्चों ने भ्रमण किया। जिसमें बच्चों ने वैज्ञानिक विधि से खेती करने की विभिन्न तरीकों को जाना। कृषि विज्ञान केन्द्र की मृदा वैज्ञानिक डॉ. ललिता रामटेके ने मृदा विज्ञान के बारे में समझाते हुए कहा कि मिट्टी की एक परत को बनने में हजारों साल का समय लग जाता है। इसलिए मिट्टी को प्रदूषण से बचाएं एवं संतुलित मात्रा में ही उर्वरक डाले। साथ ही साथ उन्होंने मृदा में पाये जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में बताया और मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का भ्रमण कराया। डॉ. कमल नारायण (उद्यानिकी) ने प्रो ट्रे नर्सरी, गुटी विधि, आम में ग्राफ्टिंग की विधि के बारे में छात्र-छात्राओं को विस्तारपूर्वक समझाया। इस दौरान बच्चों ने यह जाना कि बिना बीज के नये पौधों को कैसे तैयार करते है। भ्रमण के दौरान बच्चों ने टिकाऊ खेती, जैविक खेती, वर्टीकल फार्मिंग, प्रीसीजन फार्मिंग, समन्वित कृषि पद्धति के साथ-साथ खेती में उच्च गुणवत्ता युक्त फसल कैसे तैयार कर सकते है के बारे में जानकारी ली। कृषि विज्ञान केन्द्र की प्रक्षेत्र प्रबंधक श्रीमती सृष्टि तिवारी ने मौसम के अनुरूप फसलों के प्रबंधन के बारे में जानकारी साझा की। भ्रमण कार्यक्रम में डी.ए.वी. स्कूल के शिक्षक श्री अजय शर्मा, श्री चंदन भट्टाचार्जी एवं श्रीमती श्रीजा प्रवीण उपस्थित थे।