बस्तर के नक्सल पीड़ितों की राष्ट्रपति से मुलाकात: शांति और न्याय की गुहार

चार दशकों से माओवादी हिंसा का सामना कर रहे बस्तरवासियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मांगी मदद, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल की सराहना

       नई दिल्ली। बस्तर के नक्सल प्रभावित लोगों के लिए राष्ट्रपति भवन का आज का दिन आशा और अपेक्षाओं से भरा हुआ था। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र से आए 70 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। वर्षों से माओवादी हिंसा का दंश झेलने वाले इन लोगों के चेहरों पर पीड़ा की स्पष्ट छाप थी, लेकिन उनकी आंखों में अब आशा की नई किरणें चमक रही थीं।

नक्सली हिंसा से मुक्ति की मांग

       इस प्रतिनिधिमंडल का प्रमुख उद्देश्य माओवादी हिंसा से उत्पन्न अपनी समस्याओं को राष्ट्रपति के सामने रखना और बस्तर को इस आतंक से मुक्त कराने के लिए गुहार लगाना था। पीड़ितों ने अपने संघर्ष और कठिनाइयों को विस्तार से बताया, जिसमें उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार नक्सलियों के हमलों ने उनके जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है।

बस्तर की पीड़ा और संघर्ष

       प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने राष्ट्रपति को अवगत कराया कि पिछले 40 वर्षों से माओवादी हिंसा ने बस्तरवासियों का जीवन दूभर कर रखा है। हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और अनेक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। माओवादियों ने उनकी संपत्ति, घर और संस्कृति को भी भारी नुकसान पहुँचाया है। पिछले ढाई दशकों में 8,000 से अधिक लोग माओवादी हिंसा का शिकार हो चुके हैं। आज भी वहां के लोग भय और आतंक के साये में जी रहे हैं, जहां हर दिन अस्तित्व की लड़ाई लड़नी पड़ती है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशीलता और पहल

       प्रतिनिधिमंडल ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रयासों की विशेष रूप से सराहना की। उन्होंने राष्ट्रपति को बताया कि मुख्यमंत्री साय की अगुवाई में बस्तर में शांति बहाली और विकास के कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। नक्सलवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के साथ-साथ क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की बुनियादी सुविधाओं को भी प्राथमिकता दी गई है। इन कदमों ने बस्तरवासियों में एक नई उम्मीद और विश्वास जगाया है।

शांति और पुनर्निर्माण की अपील

       प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख मंगऊ राम कावड़े और जयराम दास ने राष्ट्रपति से बस्तर में स्थायी शांति बहाल करने के लिए निर्णायक कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बस्तर कभी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांतिपूर्ण जीवन के लिए प्रसिद्ध था, लेकिन माओवादी गतिविधियों ने इस क्षेत्र को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति से बस्तर को माओवादी हिंसा से मुक्त कराने के लिए विशेष प्रयास करने का अनुरोध किया।

राष्ट्रपति का आश्वासन

       राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बस्तरवासियों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार बस्तर में शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में हरसंभव कदम उठाएगी, ताकि बस्तर के लोग जल्द ही अपने जीवन में शांति और स्थिरता का अनुभव कर सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *