झीरम हत्याकांड और राजनीतिक षड्यंत्र: कांग्रेस का आरोप और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का प्रभाव
रायपुर। भाजपा नेताओं और सरकार पर कांग्रेस के नेताओं के आरोपों के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने झीरम हत्याकांड के शहीदों को न्याय दिलाने का रास्ता खोला है। इस घटना की जांच कर रही एजेंसी एनआईए ने यहां तक कि क्या इसमें राजनीतिक षड्यंत्र भी था, यह प्रश्न उठाया है।
मुख्य पॉइंट्स:
हत्याकांड का विवाद:
- छत्तीसगढ़ में 2013 में हुए झीरम हत्याकांड की जांच में राजनीतिक षड्यंत्र के आलोक में कांग्रेस ने भाजपा को आरोपित किया है।
हत्याकांड में कांग्रेस के नेताओं की भीषण हत्या हुई थी, जिसमें प्रमुख कांग्रेस नेता नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल, उदय मुदलियार शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट ने न्याय मिलने का रास्ता खोला है, जिससे कांग्रेस ने स्वागत किया है।
जांच का विरोध: - कांग्रेस ने भाजपा की सरकार को आरोप लगाया है कि वह जांच से बचने के लिए प्रयासरत रही और राजनीतिक षड्यंत्र को छुपाने की कोशिश की गई।
एनआईए के चालान में नक्सली संगठन के प्रमुख कर्ताधर्ता गणपति और रमन्ना के नाम नहीं डाले गए, जिस पर कांग्रेस ने सवाल उठाये हैं।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: - सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए की जांच को खारिज कर दिया है, जिससे न्याय की दिशा में बड़ी कदम उठाया गया है।
छत्तीसगढ़ पुलिस अब एक नए एफ़आईआर के आधार पर जांच करेगी कि क्यों एनआईए ने जांच को रोका था और किसके प्रति इसकी रोकथाम की गई थी।
आयोग पर विवाद: - सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए बनाए गए आयोग के कार्यकाल और जांच के दायरे को बढ़ाया है।
इसके बाद भी नेताओं और आपत्तिजनक घटनाओं के चलते आयोग पर अडंगा है और मामला अब अदालत में लंबित है।
सवाल और चुनौतियां:
राजनीतिक षड्यंत्र:
- क्या झीरम हत्याकांड में राजनीतिक षड्यंत्र था? क्या एनआईए ने इस पहलू की जांच करने से इनकार किया?
भाजपा ने क्यों नहीं चाहा कि इस मामले की गहराईयों में जांच हो?
सरकार का प्रतिक्रियाशीलता: - क्यों रमन सिंह सरकार ने झीरम हत्याकांड की जांच करवाने से इंकार किया?
क्या सरकार ने सीबीआई जांच को छुपाए रखा था?
आयोग पर विरोध:
आयोग की जांच को लेकर नेताओं के बीच असमंजस है।
क्या आयोग की जांच में देरी होने के पीछे राजनीतिक कारण हैं?
निष्कर्ष:
झीरम हत्याकांड के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने न्याय के पथ पर एक बड़ा कदम उठाया है, लेकिन इसमें जुटे सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच विवाद बना हुआ है। कांग्रेस का कहना है कि इसमें राजनीतिक षड्यंत्र है, जबकि भाजपा यह कह रही है कि उन्होंने सच्चाई का पर्दाफाश किया है। अब यह देखना है कि इस मामले में और भी राजनीतिक रुचियां कैसे उभरती हैं।