भिलाई नगर में चुनावी टकराव: कांग्रेस नेता राजेन्द्र साहू की विचारधारा और भारतीय जनता पार्टी के विजय बघेल की बहस

साहू ने भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों की समस्याओं पर ध्यान दिया, जबकि बघेल ने मोदी सरकार के खिलाफ उठाई आवाज

       दुर्ग। राजेन्द्र साहू, भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ, हर छोटी-बड़ी समस्या को हल करने का संकल्प लेकर उतरे हैं। उन्होंने कहा, “आगामी चुनाव में, हम विचारधारा के मामले पर चर्चा कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी का यह मानना है कि जो वादा किया जाता है, उसे पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को जुमलेबाजी की बजाय गरिमा से काम करने की आवश्यकता बताई।”

       साहू ने अपने उम्मीदवारी को देश के महान स्वतंत्रता संग्रामी और नेताओं के सिद्धांतों पर आधारित बताया। वह भिलाई नगर के निवासियों को भी वादा किया कि वे उनकी समस्याओं का हल ढूंढेंगे।

       उन्होंने विजय बघेल के खिलाफ भी कड़ा रुख दिखाया, कहते हुए, “मौजूदा सांसद ने भिलाई नगर के विकास में अपनी भूमिका नहीं निभाई है। उन्होंने न केवल भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों की पीड़ा को उठाया है, बल्कि नगर के विकास के मामले में भी उनकी नजरें नहीं हैं।”

       उन्होंने आगे कहा, “अगर मुझे संसद भेजा गया, तो मैं भिलाई नगर की जनता के साथ उनकी मांगों को संसद में उठाऊंगा। और मैं भिलाई इस्पात संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ संघर्ष करूंगा।”

       साहू ने अपनी योजनाओं में महिलाओं के सशक्तिकरण को भी महत्व दिया। उन्होंने कहा, “अगर हमारी सरकार बनी, तो हर महिला को सालाना एक लाख रुपये दिए जाएंगे, जिससे उनमें आत्मनिर्भरता आएगी। और अगर महिला आत्मनिर्भर होगी, तो समाज और देश दोनों ही मजबूत होंगे।”

       उन्होंने अपने चुनावी वादों को दिलाया और उम्मीदवारी के लिए जनता की सहमति मांगी।

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