रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने प्रदेश के प्रथम शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदानी दिवस पर उनके वीरता को याद करते हुए दी श्रद्धांजलि।
डॉ. महंत ने कहा कि, वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, एक सच्चे देशभक्त थे। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय उन्होंने जेल से भागकर अंग्रेजों से लोहा लिया था जिसमें वे गिरफ्तार कर लिए गए थे। अंग्रेजी हुकूमत ने 10 दिसम्बर 1858 को उन्हें रायपुर के “जयस्तंभ चौक” पर फाँसी दे दी। बाद में उनके शव को तोप से उड़ा दिया गया और इस तरह से भारत के एक सच्चे देशभक्त की जीवनलीला समाप्त हो गई।
उल्लेखनीय है कि गोंडवाना के शेर कहे जाने वाले अमर शहीद वीर नारायण सिंह बिंझवार को राज्य का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा प्राप्त है। इनके सम्मान में प्रदेश शासन के आदिम जाति कल्याण विभाग ने उनकी स्मृति में पुरस्कार की स्थापना की है। इसके तहत राज्य के अनुसूचित जनजातियों में सामाजिक चेतना जागृत करने तथा उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों तथा स्वैच्छिक संस्थाओं को नगद राशि व प्रशस्ति पत्र देने का प्रावधान है।