छत्तीसगढ़ में सिख समाज की बैठक: कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ के विरोध में बड़ा आंदोलन

सिख समुदाय ने फिल्म पर लगाया सिखों को आतंकवादी दिखाने का आरोप, राज्यपाल और मुख्यमंत्री से करेंगे प्रतिबंध की मांग

       रायपुर। छत्तीसगढ़ में सिख समाज ने फिल्म अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत द्वारा निर्मित फिल्म ‘इमरजेंसी’ के खिलाफ विरोध की तैयारी में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। यह बैठक रायपुर के गुरु तेग बहादुर हाल में संपन्न हुई, जहां सिख समाज के प्रमुख व्यक्तियों और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों ने फिल्म में सिख समुदाय के बारे में की गई गलत प्रस्तुति और उन्हें आतंकवादी के रूप में दर्शाए जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की।

       बैठक के दौरान सभी उपस्थित सदस्यों ने एकमत से फिल्म ‘इमरजेंसी’ के प्रसारण पर रोक लगाने और इसके प्रदर्शन को छत्तीसगढ़ में पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया। सिख समाज का आरोप है कि फिल्म में सिख समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाले दृश्य हैं, विशेष रूप से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के संदर्भ में। इसके साथ ही, कंगना रनौत के विवादास्पद बयानों को लेकर भी समाज में भारी रोष है।

       इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर छत्तीसगढ़ में प्रतिबंध लगाने की मांग की जाएगी। इसके अलावा, इस आंदोलन को और भी प्रभावी बनाने के लिए सिख समाज ने प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन करने की योजना भी बनाई है।

       उल्लेखनीय है कि कंगना रनौत के बयानों और फिल्म में सिख समाज के बारे में दिखाई गई घटनाओं से न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में सिख समुदाय में नाराजगी है। इस विरोध की अगुवाई सिखों की सबसे बड़ी संस्था, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, ने की है, जिसने इस मामले में फिल्म सेंसर बोर्ड को पत्र लिखने के साथ ही अदालत में याचिका भी दायर की है।

       छत्तीसगढ़ में इस विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा तय करने के लिए हुई बैठक में प्रमुख रूप से सरदार गुरमीत सिंह सैनी, जसपाल सिंह साहनी, गुलबीर सिंह भाटिया, डॉ. टुटेजा, राजवंत सिंह गारेवाल, सुखबीर सिंघोत्रा, सुरेंद्र सिंह, त्रिलोचन सिंह काले, जगजीत सिंह, अमर सिंह वाधवा, बलविंदर सिंह चंडोक, राजू गुंबर, भूपेंद्र सिंह, मोनू सिंह सलूजा, और रवितेज सिंह घेई सहित कई अन्य समाज के लोग उपस्थित थे।

       इस बैठक के बाद, सिख समाज ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे किसी भी हालत में फिल्म ‘इमरजेंसी’ का प्रदर्शन छत्तीसगढ़ में नहीं होने देंगे और इसके खिलाफ व्यापक स्तर पर आंदोलन छेड़ने की पूरी तैयारी में हैं।

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